ON JANMASHTAMI:
MAULANA HASRAT MOHANI'S LOVE FOR KRISHNA
Hindutva and Islamist zealots who believe that India has
been a battle ground between Hindus & Muslims must be disappointed by the
following poem.
जन्माष्टमी पर
हिन्दू और मुसलमान कट्टरपंथी जो हमारे देश को हिन्दू और मुसलमानों के
बीच एक मैदान-ए-जंग मानते हैं उन्हें यह
नज़्म पढ़ कर यक़ीनन दुःख होगा!
Maulana Hasrat Mohani's love for Krishna (original Urdu poem
with Hindi & English translation)
Maulana Hasrat Mohani (1875-1951) was a renowned literary
figure, politician, freedom fighter and an Islamic scholar. He coined the
war-cry of the freedom struggle INQUILAB ZINDABAD (LONG LIVE REVOLUTION) which
was popularized by martyrs like Bhagat Singh. He revered Krishna greatly. His
one Urdu poem in praise of Krishna is reproduced here.
मौलाना हसरत मोहानी का कृष्ण प्रेम (मूल उर्दू नज़्म हिंदी और अंग्रेज़ी अनुवाद के साथ)
मौलाना हसरत मोहानी
(1875-1951) एक प्रसिद्द मौलवी और स्वतंत्रता सेनानी थे । यह
मौलाना हसरत मोहानी ही
थे जिन्हों ने आज़ादी की जंग को
लोकप्रिय नारा 'इंक़लाब ज़िंदाबाद' दिया जिसे भगत सिंह जैसे महान शहीदों ने
लगातार बुलंद करके अमर कर दिया। वे
दूसरे धर्म के देवी-देवताओं का भी सम्मान करते थे। कृष्ण के प्रति उनका प्रेम अद्भुत व असीम है। इसी प्रेम का प्रदर्शन उनकी इस लाजवाब नज़्म में मिलता है
।
मूल उर्दू नज़्म:
متھرا کا نگر ہے عاشقی کا
دم بھرتی ہے آرزو اُسی کا
ہر ذرہ سر زمینِ گوکُل
دعویٰ ہے جمالِ دلبری کا
برسانا و نندگاوں میں بھی
دیکھ آئے ہیں جلوہ ہم کسی
کا
پیغامِ حیاتِ جاوِداں تھا
ہر نغمہ کرشن کی بانسری کا
وہ نورِسیاہ تھا کہ حسرت
سرچشمہ فروغِ آگہی کا
हिंदी अनुवाद:
मथुरा का नगर है आशिक़ी का
दम भरती है
आरज़ू उसी का
हर ज़र्रा[i] सरज़मीन-ए-गोकुल
दावा है जमाल-ए-दिलबरी[ii]
का
बरसाना व नंदगांव में भी
देख आए हैं जलवा हम किसी का
पैग़ाम-ए-हयात-ए-जाविदां[iii] था
हर नग़मा[iv] कृष्ण की
बांसुरी का
वह नूर-ए-स्याह[v] था कि
हसरत
सरचश्मा फरोग़-ए-आगही[vi] का
[i. ज़र्रा=कण. ii. जमाल-ए-दिलबरी=प्रेम का
सौंदर्य.
iii. पैग़ाम-ए-हयात-ए-जाविदां=जीवन अमर होने का
संदेश.
iv. नग़मा=
गीत.
v. नूर-ए-स्याह=कलिमा की ज्योति. vi.सरचश्मा फ़रोग़-ए-आगही का=जानकारी का स्रोत]
English translation:
Mathura--the place of love, Intense desire always dies for,
Every particle of Gokul Land, Is a trustee of Beauty of love,
In Barsana and Nandgaon, We have seen the splendour of
someone,
Every melody of Krishna's flute, Was a message of Eternal
Life,
Though he was black light, Was a source of
knowledge-rays!
Translations by SAJJAD HUSAINI.
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